95+ Rishte Bharosa Shayari | उम्मीद और भरोसा शायरी (2025)

रिश्ते और भरोसे पर शायरी दिल से निकली वो आवाज़ है जो प्यार, विश्वास और जज़्बात की गहराई को बयां करती है। रिश्ते तब तक मजबूत रहते हैं जब तक उनमें भरोसा होता है। ये शायरियां आपके दिल की बात को खूबसूरती से शब्दों में पिरोकर सामने वाले तक पहुंचाती हैं। भरोसे पर शायरी से आप अपने रिश्तों में मजबूती और प्यार को और गहरा बना सकते हैं। ये शायरियां सोशल मीडिया पर भी खूब शेयर की जाती हैं, जिससे लोग अपने जज़्बात बयां करते हैं।

Rishte Bharosa Shayari

bharosa shayari
bharosa shayari

मोहब्बत हमारी भी पूरी होती
अगर तुमने भरोसा ना तोड़ा होता


भरोसा और उम्मीद जितनी
खुद से करो उतना बेहतर हैं


दिल इतना जख्मी हो गया है की
किसी पर भरोसा करना तो दूर
भरोसे के नाम से भी डर लगता है

bharosa shayari
bharosa shayari

भरोसा जितना कीमती होता है
धोखा उतना ही महँगा हो जाता है


माफ बार बार करना
लेकिन
भरोसा एक ही बार करना


फिक्र मत कर बंदे भरोसा तुम पर अपार है
लिखने वाले ने लिख दिया तकदीर तेरे साथ है

उम्मीद और भरोसा शायरी

bharosa shayari
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जैसे भी जी रहे हैं अपने हाल पर
भरोसा रखें सिर्फ महाकाल पर


भरोसा तोड़ने वाले के लिए बस यही
एक सज़ा काफ़ी है उसको ज़िन्दगी
भर के लिए ख़ामोशी तोहफ़े में दे


हम खुद से दोस्ती करने में भरोसा करते हैं
लोगों का क्या पता कब साथ छोड़ जाए

bharosa shayari
bharosa shayari

क्यो भरोसा करू किसी और पर,
जब खुद की आखे खुद को धोखा दे


जो वक्त के साथ बदल जाते हैं
उन पर भरोसा करना
खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है


किसी के मन में विश्वास बनाने
के लिए उम्र बीत जाती है
लेकिन विश्वास तोड़ने के लिए
एक झूठ काफी होता है

Bharosa Todne Wale Shayari

bharosa shayari
bharosa shayari

ना रुक ना झुक,रख भरोसा बस चलता जा,
मंज़िल ना मिले तब तक बस बढ़ता जा


मेरा नाम ही काफ़ी है तेरी महफ़िल में
हम खुद आ गए तो तुम दीवाने हो जाओगे


गिरा है आज कोई मेरी नजरों से इस तरह
गिरती है पत्तियां पतझड़ में जिस तरह

bharosa shayari
bharosa shayari

हर बार समझदारी की उम्मीद
मुझसे ही क्यों अब तुमको भी मेरे
भरोसे पर खरा उतरना होगा


टूटी चीजें हमेशा परेशान करती है
जैसे दिल, नींद, भरोसा और
सबसे ज्यादा किसी से उम्मीद


सभी से प्रेम करो कुछ पर भरोसा करो
किसी के साथ गलत मत करो

Bharosa Shayari 2 Lines

bharosa shayari
bharosa shayari

पता नहीं क्यों डरते हैं लोग दूसरों से
जबकि भरोसा हमेशा अपने ही तोड़ते हैं


लिखती हूं शौक से वो इश्कबाज
वफा के काबिल नहीं
कि कर लूं भरोसा यहां किसी पर
ऐसा जमाना नहीं


मैं इसलिए परेशान नहीं हूँ कि तुमने
मुझसे झूठ कहा बल्कि मैं इसलिए परेशान हूँ
कि मैं अब से तुम पर भरोसा नहीं कर सकूंगा

bharosa shayari
bharosa shayari

पाबंदियां वहां होती हैं जहां
भरोसा नहीं होता और सच्चे
इश्क़ में कोई पाबंदी नहीं होती


चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी
लोगो को सिखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है


तुम पर भरोसा करना मेरा फैसला है
इसे सही साबित करना तुम्हारी इच्छा

Kisi Par Bharosa Mat Karna Shayari

bharosa shayari
bharosa shayari

हाथों की लकीरों पर ऐतबार कर लेना,
भरोसा हो तो हदों को पार कर लेना,
खोना पाना तो नसीबों का खेल है,
दिल जिसे अपना ले उसी से प्यार कर लेना


उम्मीद और भरोसा कभी गलत नहीं होते
बस यह हम पर निर्भर करता है कि
हमने किस पर उम्मीद की किस पर भरोसा


हममें से कोई नहीं जानता कि अगले पल क्या होगा
फिर भी हम आगे बढ़ते हैं क्योंकि हम भरोसा करते हैं

bharosa shayari
bharosa shayari

दुख इस बात का नहीं कि
तुम्हारा साथ छूट गया
अफसोस इस बात का है कि
हमारा विश्वास टुब गया


प्यार और विश्वास कभी मत खोना
क्योंकि प्यार हर किसी से नहीं होता
और विश्वास हर किसी पर नहीं होता


अगर तुम खुद से ज्यादा किसी पर विश्वास
करते हो, तो तुम धोखा खाने के लिए भी
तैयार रहो


आजकल न जाने कब बदल जाए इंसान
भरोसा नहीं,कहते हैं जो भरोसा करो हम पर,
अक्सर भरोसा तोड़ते हैं वहीं


भरोसा तोड़ने वाली शायरी

लोगो के पास बहुत कुछ हैं
मगर मुश्किल यही है कि भरोसे
पर शक हैं और अपने शक पे
भरोसा हैं


भरोसा कर लिया है उन
अधूरे ख्वाब पर
जो तेरे साथ देखे थे


अगर आपको खुद पर भरोसा नहीं
होगा तो आपको हमेशा दूसरों के
भरोसे ही जीना पड़ेगा


सच्ची मोहब्बत भी हम करते है, वफ़ा भी
हम करते है, भरोसा भी हम करते है,
और आखिर में तन्हा जीने की सजा भी
हमे ही मिलती है


ईश्वर पर प्रश्न उठाना छोड़ो
और उस पर भरोसा करना शुरू करो


किसी का विशवास जीतने में ज़िन्दगी
लग जाती है हारने के लिए एक पल ही
काफी होता है


भरोसे जीतने में साल लगते है हारने में कुछ
पल लगते हैं और दोबारा बनाने में पूरी
ज़िन्दगी लग जाती है


भरोसा बस तू खुद पर और खुदा पर
कर फिर देख ऐसी कोई मंज़िल नहीं
होगी जहाँ तेरा आशियाना नहीं होगा


खुद पर भरोसा करो तब तुम
जान पाओगे कि कैसे जिया जाए


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